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Puri Jagannath Heritage Corridor: क्यों खास है जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर, 3200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से पुरी में क्या बदलेगा?

पुरी में श्रीजगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना का बुधवार को उद्घाटन किया गया। जगन्नाथ धाम में एक विरासत गलियारा विकसित किया गया है, जिसे श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प (एसपीपी) के नाम से भी जाना जाता है।

दिल्ली, Puri Jagannath Heritage Corridor: अयोध्या में भगवान श्री राम के आगमन की तैयारियां चल रही हैं. 22 जनवरी को धर्मनगरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस समारोह में अब सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है, जिसका सभी देशवासियों को बेसब्री से इंतजार है. यह कार्यक्रम ओडिशा के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में एक भव्य परियोजना के उद्घाटन से पहले आयोजित किया गया था। इस प्रोजेक्ट को जगन्नाथ टेम्पल हेरिटेज कॉरिडोर के नाम से जाना जा रहा है |

जगन्‍नाथ मंदिर में किस परियोजना का उद्घाटन होना है?

ओडिशा के पुरी जिले में स्थित जगन्‍नाथ धाम के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्‍व को देखते हुए यहां एक हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया गया है। इस प्रोजेक्ट को श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प (एसपीपी) नाम भी दिया गया है. आज यानी बुधवार को श्रीजगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया. सरकार ने उद्घाटन के लिए चार शंकराचार्यों के साथ भारत और नेपाल के 1,000 मंदिरों के धार्मिक प्रमुखों को आमंत्रित किया था। राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक परियोजना को श्रद्धालुओं को समर्पित किया।

खास बात यह है कि इसके ठीक पांच दिन बाद अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है

जगन्नाथ मंदिर चार प्रमुख धामों में से एक है। पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई महाप्रभु बलभद्र की पूजा की जाती है। जगन्नाथ मंदिर की चारदीवारी के 75 मीटर के गलियारे के क्षेत्र को विकसित किया गया है।

यह परियोजना कब शुरू की गई थी?

इसकी लागत क्या है? इस परियोजना को अक्टूबर 2019 में ओडिशा कैबिनेट से हरी झंडी मिली थी। इस परियोजना के लिए भूमि का अधिग्रहण नवंबर 2019 में किया गया था, जबकि इसका काम पिछले महीने ही पूरा हुआ था। 3200 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को कई हिस्सों में बांटा गया था. अकेले श्रीजगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इसके अलावा प्रोजेक्ट में श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन भवन का निर्माण किया जाएगा.कार्यों में पुनर्विकास, 600 लोगों की क्षमता वाला श्री मंदिर स्वागत केंद्र, जगन्नाथ सांस्कृतिक केंद्र, बददांडा हेरिटेज स्ट्रीट लैंडस्केप, समुद्र तट विकास, पुरी झील और मूसा नदी कायाकल्प योजना शामिल हैं।

राज्य सरकार ने पुरी के अंदर यातायात की भीड़ से बचने के उद्देश्य से पर्यटकों को सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए

200 करोड़ रुपये की लागत से 2.3 किमी लंबे 4-लेन श्री सेतु (ट्रम्पेट ब्रिज) का निर्माण किया है। इसके अतिरिक्त, 90 करोड़ रुपये की लागत वाली 630 मीटर लंबी सड़क (श्री डांडा) का भी निर्माण किया गया है

 

परियोजना में और क्या बनाया गया है?

  • 7-मीटर ग्रीन बफर जोन
  • 10-मीटर अंतर (आंतरिक) प्रदक्षिणा
  • 14-मीटर लैंडस्केप जोन
  • 8-मीटर बाह्य (बाहरी) प्रदक्षिणा
  • 10 मीटर का सार्वजनिक सुविधा क्षेत्र
  • 4.5 मीटर सर्विस लेन

हेरिटेज कॉरिडोर में तमाम सुख-सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई निर्माण किए गए हैं, जैसे

  • मुख्य वस्त्र कक्ष
  • मिनी क्लोक रूम
  • सूचना सह दान कियोस्क
  • श्री जगन्नाथ रिसेप्शन सेंटर (एसजेआरसी)
  • श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) कार्यालय
  • आश्रय मंडप
  • शौचालय
  • पुलिस सेवा केंद्र
  • एटीएम कियोस्क
  • विद्युत कक्ष
  • प्राथमिक चिकित्सा केंद्र
  • प्रोजेक्ट से क्या बदलेगा? श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प प्रोजेक्ट के जरिए पुरी शहर को नया लुक दिया गया है. विरासत गलियारा एक बड़े खुले स्थान में बनाया गया है, क्योंकि रथ यात्रा सहित कई मंदिर उत्सव यहीं से शुरू होते हैं। इससे सुरक्षित माहौल में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ जुट सकेगी।

75 मीटर श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर (एसजेएचसी) के भीतर मौजूदा मठ मंदिरों का पुनर्विकास कार्य किया गया है

इन मठ मंदिरों का पुनर्विकास संबंधित मठ की सामान्य और विशिष्ट परंपराओं में वास्तुकला की कलिंगन शैली को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पुजारियों और भक्तों का कहना है कि पहले शहर में बहुत सारी दुकानें थीं और उन्हें परिक्रमा के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब इलाका खाली करा लिया गया है. मंदिर की सुंदरता बढ़ गयी है |

कई बार इस पवित्र स्थान की यात्रा कर चुके

दिल्ली के निवासी रवि कहते हैं, ‘रथ यात्रा के दौरान भक्तों की संख्या लाखों में बढ़ जाती है। पहले रास्ता बहुत संकरा था, लेकिन अब लोग आसानी से भगवान से प्रार्थना कर सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल रथयात्रा में करीब 17 लाख लोग शामिल हुए थे |

India Edge News Desk

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